MP Current Affair 30th January 2019
चार माह में खुलेंगी 1000 गौ शालाएँ
राज्य सरकार ने अगले चार माह के भीतर 1000 गौ-शालाएँ खोलने का निर्णय लिया है। इसमें एक लाख निराश्रित गौ-वंश की देख-रेख होगी और 40 लाख मानव दिवसों का निर्माण होगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अब तक कोई भी शासकीय गौ-शाला नहीं खोली गयी थी । ग्रामीण विकास विभाग प्रोजेक्ट गौ-शाला का नोडल विभाग होगा। ग्राम पंचायत, स्व-सहायता समूह, राज्य गौ-संवर्धन बोर्ड से संबद्ध संस्थाएँ एवं जिला समिति द्वारा चयनित संस्थाएँ प्रोजेक्ट गौ-शाला का क्रियान्वयन करेंगी।
1 फरवरी को होगा राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान का सामूहिक गायन
1 फरवरी को मंत्रालय, भोपाल के सरदार वल्लभ भाई पटेल उद्यान में राष्ट्रगीत और राष्ट्रगीत का सामूहिक गायन होगा। पूर्वान्ह 11 बजे समस्त शासकीय विभाग और कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी इसमें उपस्थित रहेंगे। यह गायन जिला और संभाग स्तर पर होगा।
2 फरवरी को प्रदेश में मनाया जाएगा विश्व वेटलैण्ड दिवस
राज्य वेटलैण्ड प्राधिकरण की मुख्य वैज्ञानिक एवं प्रभारी अधिकारी डॉ. विनीता विपट ने बताया कि 2 फरवरी को प्रदेश में विश्व वेटलैण्ड दिवस के तहत जन-जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इस वर्ष रामसर कन्वेंशन द्वारा विश्व वेटलैण्ड दिवस के लिये ‘वेटलैण्ड एवं जलवायु परिवर्तन” विषय निर्धारित किया गया है।
1 फरवरी से तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु महासम्मेलन उज्जैन में
1 फरवरी से उज्जैन में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु महासम्मेलन होगा। इसमें प्रदेश भर के ज्योतिष शामिल होंगे। महासम्मेलन में ‘वास्तु में समय और स्थान का महत्व’ विषय पर चर्चा की जायेगी।
प्रदेश में पहली वायरोलॉजी लैब शुरू
देश में स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए भोपाल के गांधी मेडीकल कॉलेज में राज्य स्तरीय वायरोलॉजी लैब शुरू कर दी गई है। इसकी स्थापना में लगभग 23 करोड़ की राशि व्यय की गई है। इसके पहले दिल्ली की वायरोलॉजी लैब और हाल ही में एम्स भोपाल की लैब में ये परीक्षण करवाये जाते थे। आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि यह प्रयोगशाला प्रदेश की क्षेत्रीय स्तर पर सबसे बड़ी प्रयोगशाला है। इसके बाद वायरोलॉजी लैब प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में भी स्थापित की जाएगी। लैब में हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस ई, डेगू, चिकिनगुनिया, हरपिस सिंप्लेक्स वायरस, रूबेला, टेक्सोप्लाज्मा, रूटावयरस आदि वायरस की पहचान अब राज्य स्तर पर ही हो सकेगी। मरीजों के ब्लड सैपल्स जाँच के लिये बाहर नहीं भेजने पड़ेंगे। इससे खर्च में कमी के साथ-साथ मरीजों को जल्द ही उचित उपचार मिल सकेगा।
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