Current Affair 7th February 2019
जयपुर में होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन
केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने जयपुर में होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने बहिरंग रोग विभाग का शुभारंभ किया।
उज्ज्वला उत्सव आयोजन किया गया
तेल उद्योग द्वारा उज्ज्वला उत्सव मनाया गया। यह उत्सव प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) को सफल बनाने वाले सभी हितधारको-जिला नोडल अधिकारियों, नीति निर्माताओं, वितरकों और लाभार्थियों की भूमिका की सराहना के लिए मनाया गया।इसका आयोजन पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वाधान में पीएमयूवाई में अग्रिम मोर्चे के कर्मियों के शानदार योगदान को सम्मानित करने के लिए किया गया। इस अवसर पर जाने-माने गायक पद्मश्री कैलाश खेर द्वारा संकलित और विकसित पीएमयूवाई गान – उज्ज्वला भारत उज्ज्वला – लांच किया गया। यह गान एमेजॉन, एप्पल, हंगामा, विंग, गुगल प्ले तथा अन्य ऑनलाइन म्युजिक प्लेटफॉर्मों पर उपलब्ध है। इस गान का उद्देश्य उज्जवला संदेश को देश के घर-घर में पहुंचाना है।
सीमेंट उद्योग-भारत 2018’ पर संग्रह का विमोचन
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने आज नई दिल्ली में ‘सीमेंट उद्योग-भारत 2018’ पर संग्रह का विमोचन किया। इस संग्रह में प्रौद्योगिकी विकास एवं चुनौतियों के साथ-साथ भारतीय सीमेंट उद्योग के लिए उपलब्ध अवसरों के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं और भारत स्थित सीमेंट संयंत्रों की सम्पूर्ण निर्देशिका भी है।
नई दिल्ली में होगा राष्ट्रीय पुलिस मिशन के सूक्ष्म अभियानों पर आधारित दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुलिस मिशन के सूक्ष्म अभियानों पर आधारित दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगा। दो दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में जमीनी स्तर पर कौशल और दक्षता के मुद्दों, पुलिस विभाग में नजरिये के बदलाव, महिला-पुरूष आधार संवेदनशीलता, प्रौद्योगिकी का दोहन और समुदाय आधारित पुलिस नीति के बारे में विचार-विमर्श किया जायेगा। इस सम्मेलन का उद्घाटन जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल श्री एन.एन. वोहरा करेंगे। राष्ट्रीय पुलिस मिशन (एनपीएम) के अधिवेश तक पहुंचने के उद्देश्य से बीपीआरएंडडी के तहत 8 सूक्ष्म मिशन कार्यरत हैं। बीपीआरएंडडी प्रतिवर्ष राष्ट्रीय पुलिस मिशन पर आधारित सम्मेलन आयोजित करता है।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र में सभी वित्तीय सेवाओ को नियमित करने के लिए एकीकृत प्राधिकरण की स्थापना को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम,2019 के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र(आईएफसीएस) में सभी वित्तीय सेवाओ को नियमित करने के लिए एकीकृत प्राधिकरण की स्थापना को मंजूरी दे दी है। प्राधिकरण में एक अध्यक्ष, रिजर्व बैंक, आईआरडीएआई,सेबी और पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा नामित एक-एक सदस्य, केंद्र सरकार द्वारा नामित दो सदस्य और दो अन्य पूर्णकालिक या पूर्ण या अंशकालिक सदस्य होंगे। प्राधिकरण वित्तीय सेवा प्राधिकरण द्वारा आईएफएससी के लिए पहले से अनुमति प्राप्त सभी वित्तीय सेवाओ और उत्पादो का नियमन करेगा। प्राधिकरण इसके साथ ही समय समय पर केंद्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित ऐसे अन्य वित्तीय उत्पाद, वित्तीय सेवा और एफआई का नियमन भी करेगा। प्राधिकरण इसके साथ ही केंद्र सरकार को ऐसे अन्य वित्तीय उत्पाद और सेवा तथा वित्तीय संस्थान जिन्हें आईएफएससी में अनुमति दी जा सकती हो की सिफारिश कर सकता है। वित्तीय क्षेत्र के संबधित नियामक जैसे आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई और पीएफआरडीए द्वारा प्रयोग की जा रही सभी शक्तियां का प्रयोग पूरी तरह से प्राधिकरण द्वारा आईएफएससी में किया जाएगा। इसमें आईएफएससी से संबधित अनुमति प्राप्त वित्तीय उत्पाद,वित्तीय सेवा और एफआई का नियमन सम्मिलित है। प्राधिकरण की प्रक्रिया और कार्यप्रणाली संसद द्वारा बनाए गए संबधित अधिनियमो के अनुरूप होंगी,जो ऐसे वित्तीय उत्पादो,सेवाओ और संस्थानो में परिस्थिति अनुरूप मान्य होगी। आईएफएससी में वित्तीय सेवा में लेनदेन प्राधिकरण द्वारा केंद्रीय सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद निर्धारित विदेशी मुद्रा में किया जाएगा I
अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक, 2018 में आधिकारिक संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त पर गठित स्थायी समिति (एससीएफ) की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक, 2018 में आधिकारिक संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक, 2018 को 18 जुलाई, 2018 को संसद में पेश किया गया था और इसे एससीएफ के सुपुर्द कर दिया गया था, जिसने इस विधेयक पर अपनी 17वीं रिपोर्ट 03 जनवरी, 2019 को संसद में पेश कर दी। आधिकारिक संशोधनों से यह विधेयक देश में अवैध रूप से जमा राशि जुटाने के खतरे से कारगर ढंग से निपटने और इस तरह की योजनाओं के जरिये गरीबों एवं भोले-भाले लोगों की गाढ़ी कमाई हड़प लेने पर रोक लगाने की दृष्टि से और मजबूत हो जाएगा। इस संशोधन के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
- इस विधेयक में प्रतिबंध लगाने का एक व्यापक अनुच्छेद है, जो जमा राशि जुटाने वालों को किसी भी अनियमित जमा योजना का प्रचार-प्रसार करने, संचालन करने, विज्ञापन जारी करने अथवा जमा राशि जुटाने से प्रतिबंधित करता है। इसका उद्देश्य यह है कि यह विधेयक अनियमित जमा जुटाने से जुड़ी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा देगा। इसके तहत इस तरह की गतिविधियों को प्रत्याशित अपराध माना जाएगा, जबकि मौजूदा विधायी-सह-नियामकीय फ्रेमवर्क केवल व्यापक समय अंतराल के बाद ही यथार्थ या अप्रत्याशित रूप से प्रभावी होता है।
- विधेयक में अपराधों के तीन प्रकार निर्दिष्ट किये गये हैं, जिनमें अनियमित जमा योजनाएं चलाना, नियमित जमा योजनाओं में धोखाधड़ी के उद्देश्य से डिफॉल्ट करना और अनियमित जमा योजनाओं के संबंध में गलत इरादे से प्रलोभन देना शामिल हैं।
- विधेयक में कठोर दंड देने और भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है, ताकि लोग इस तरह की गतिविधियों से बाज आ सकें।
- विधेयक में उन मामलों में जमा राशि को वापस लौटाने या पुनर्भुगतान करने के पर्याप्त प्रावधान किये गये हैं, जिनके तहत ये योजनाएं किसी भी तरह से अवैध तौर पर जमा राशि जुटाने में सफल हो जाती हैं।
- विधेयक में सक्षम प्राधिकरण द्वारा सम्पत्तियों/परिसम्पत्तियों को जब्त करने और जमाकर्ताओं को पुनर्भुगतान करने के उद्देश्य से इन परिसम्पत्तियों को हासिल करने का प्रावधान किया गया है।
- सम्पत्ति को जब्त करने और जमाकर्ताओं को धनराशि वापस करने के लिए स्पष्ट समय-सीमा तय की गई है।
- विधेयक में एक ऑनलाइन केन्द्रीय डेटाबेस बनाने का प्रावधान किया गया है, ताकि देश भर में जमा राशि जुटाने की गतिविधियों से जुड़ी सूचनाओं का संग्रह करने के साथ-साथ उन्हें साझा भी किया जा सके।
- विधेयक में ‘जमा राशि जुटाने वाले’ और ‘जमा राशि या डिपॉजिट’ को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है।
- ‘जमा राशि जुटाने वालों’ में ऐसे सभी संभावित निकाय (लोगों सहित) शामिल हैं, जो जमा राशियां जुटाते रहे हैं। इनमें ऐसे विशिष्ट निकाय शामिल नहीं हैं, जिनका गठन विधान के जरिये किया गया है।
- ‘जमा राशि या डिपॉजिट’ को कुछ इस तरह से परिभाषित किया गया है कि जमा राशि जुटाने वालों को प्राप्तियों के रूप में छलपूर्वक आम जनता से धनराशि जुटाने पर प्रतिबंधित कर दिया गया है और इसके साथ ही किसी प्रतिष्ठान द्वारा अपने व्यवसाय के तहत सामान्य ढंग से धनराशि स्वीकार करने पर कोई अंकुश नहीं लगाया गया है या इसे बाधित नहीं किया गया है।
- व्यापक केन्द्रीय कानून होने के नाते इस विधेयक में सरकारी कानूनों से सर्वोत्तम तौर-तरीकों को अपनाया गया है और इसके साथ ही विधान के प्रावधानों पर अमल की मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंपी गई है।
आयकर शिकायत जांच संस्था और अप्रत्यक्ष कर शिकायत जांच संस्था को समाप्त करने की मंजूरी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आयकर शिकायत जांच संस्था और अप्रत्यक्ष कर शिकायत जांच संस्था को समाप्त करने की मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी लोगों द्वारा शिकायत दूर करने के लिए चुनी गई वैकल्पिक व्यवस्थाओं संदर्भ में दी गई है। आयकर शिकायत जांच संस्था की स्थापना 2003 में आयकर शिकायतों को सुलझाने के उद्देश्य से की गई थी।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की परिचालन श्रेणी के विशिष्ट कर्मचारियों से दिये जा रहे विेशेष भत्तों के नियमितीकरण को मंजूरी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की परिचालन श्रेणी के विशिष्ट कर्मचारियों को सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) द्वारा निर्दिष्ट 50 प्रतिशत (संशोधन-पूर्व)/25 प्रतिशत (संशोधित) सीमा के अलावा दिये जा रहे कुछ विशेष भत्तों के नियमितीकरण को मंजूरी प्रदान कर दी है। इन भत्तों में रेटिंग भत्ता, कार्य दबाव भत्ता, प्रवीणता भत्ता, उड़ान भत्ता और प्रशिक्षक भत्ता शामिल हैं। कैबिनेट ने इसके साथ ही इन भत्तों को 35 प्रतिशत (संशोधित) सीमा के दायरे से बाहर रखने की भी स्वीकृति दे दी है। इसका उद्देश्य सर्वोत्तम प्रतिभाशाली प्रोफेशनलों को आकर्षित करना और मौजूदा प्रशिक्षित श्रम बल को बनाये रखना है, ताकि हवाई सफर करने वालों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिल सकें।
भारत और नॉर्वे के बीच भारत-नॉर्वे महासागर वार्ता पर समझौते को मंजूरी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और नॉर्वे के बीच भारत-नॉर्वे महासागर वार्ता पर समझौते को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इस समझौते से महासागरीय अर्थव्यवस्था के विकास से संबंधित परस्पर हित के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
भारत और फिनलैंड के बीच जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन को मंजूरी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और फिनलैंड के बीच जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह समझौता ज्ञापन महत्वाकांक्षी उद्योग-जन्य नवाचार और अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं को अनुसंधान विकास और नवाचार के व्यापक कार्य क्षेत्र में लागू करने और वित्त पोषण के लिए जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आपसी हितों के आधार पर सहयोग करने के लिए किया गया है।
जल और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग पर गठित भारत-जर्मनी कार्यसमूह की तीसरी बैठक नई दिल्ली में संपन्न
जल और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग पर गठित भारत-जर्मनी कार्यसमूह की तीसरी बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक में भारत के वन, पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और जर्मनी के पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण और परमाणु सुरक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडलों के बीच जल और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में दोनों पक्षों ने कपड़ा, वायु और जल संरक्षण, जल स्रोतों में कचरा, कचरे से ऊर्जा बनाने, बायो-मैथेनेशन, कचरों के ढेर तथा जल प्रबंधन के क्षेत्र के लिए संदर्भ दस्तावेज तैयार करने तथा इन क्षेत्रों में स्थानीय निकायों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता विकास के लिए सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई।
भारत और उज्बेकिस्तान के बीच ई-प्रशासन के क्षेत्र में समझौते को मंजूरी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और उज्बेकिस्तान के बीच ई-प्रशासन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के समझौते को कार्योत्तर मंजूरी प्रदान कर दी है। इस समझौते के उद्देश्यों में ई-प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग तथा आईटी शिक्षा को बढ़ावा देना, विभिन्न क्षेत्रों के ई-प्रशासन उत्पादों/उपकरणों की शुरूआत करना तथा इनका कार्यान्वयन करना, डेटा केन्द्रों का विकास करना आदि शामिल हैं।
भारत और मलेशिया के बीच कंपनी सचिव के क्षेत्र में परस्पर सहयोग के समझौते को मंजूरी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मलेशिया के बीच कंपनी सचिव के क्षेत्र में परस्पर सहयोग के समझौते पत्र पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के कंपनी सचिवों के अभ्यास और सम्मान के स्तर को बढ़ाना तथा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कंपनी सचिवों के आवागमन की बेहतर सुविधा प्रदान करना है।
‘’कोयले और लिग्नाइट के अन्वेषण’’ की योजना को जारी रखने के प्रस्ताव को मंजूरी
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 1875 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय के साथ ‘’कोयले और लिग्नाइट के अन्वेषण’’ की योजना को जारी रखने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस योजना के अंतर्गत 24,41,500 मीटर की खुदाई और 3575 लाईन किलोमीटर के भू-भौतिक सर्वेक्षण की व्यवस्था की गई है ताकि तीन वर्ष की अवधि के दौरान कोयला संसाधनों के अनुमान और प्रूव (हाइड्रोकार्बन संसाधनों के उद्गम का पता लगाने) के लिए सीबीएम/शैल गैस अध्ययन और संबद्ध अध्ययनों के साथ कोयला और लिग्नाइट के गैर सीआईएल ब्लॉक में संवर्धन सम्बन्धी (क्षेत्रीय) अन्वेषण और विस्तृत खुदाई की जा सके। इस योजना के अंतर्गत बुनियादी तौर पर करीब 7 अरब टन संसाधन होंगे और 11 अरब टन संसाधन प्रूव्ड होंगे। देश में कोयले और लिग्नाइट का अन्वेषण दो विस्तृत चरणों में कराया जाता है: (i) क्षेत्रीय अन्वेषण और (ii) विस्तृत खुदाई। क्षेत्रीय अन्वेषण द्वारा कोयले और लिग्नाइट की सीमा के पूर्व संकेत मिलते हैं जिन्हें ‘’सूचक’’ और ‘’अनुमानित’’ संसाधनों में श्रेणीबद्ध किया जाता है। क्षेत्रीय अन्वेषण द्वारा पहचाने गए प्रमुख क्षेत्रों को दूसरी अवस्था में विस्तृत अन्वेषण के लिए लिया जाता है जिसमें ‘प्रूव्ड’ श्रेणी के संसाधनों को लाने के लिए गहन खुदाई की जाती है।
भारत एवं मालदीव के बीच कृषिगत व्यसवसाय के वातावरण में सुधार के लिए परस्पर सहयोग हेतु समझौते को मंजूरी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और मालदीव गणराज्य के मछलीपालन, समुद्री संसाधन एवं कृषि मंत्रालय के बीच समझौते को पूर्व-प्रभाव से अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। मालदीव के राष्ट्रपति के भारत के दौरे के अवसर पर 17 दिसम्बर, 2018 को इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे। इस समझौते के परिणामस्वरूप कृषि गणना, कृषिगत कारोबार, समन्वित कृषि प्रणाली, सिंचाई, उन्नत बीज, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, अनुसंधान, स्थानीय कृषिगत कारोबारों के क्षमता निर्माण, खाद्य सुरक्षा एवं पोषण के क्षेत्र में उद्यमियों की जानकारी बढ़ाने, जलवायु प्रतिरोधी कृषि प्रणाली विकसित करने, कीटनाशक अवक्षेपों आदि के परीक्षण के लिए सुविधाएं स्थापित करने आदि क्षेत्रों में सहयोग के लिए दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी।
‘परमाणु टैक 2019’ सम्मेलन का आयोजन किया गया
मंत्री जितेन्द्र सिंह ने विदेश मंत्रालय और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) द्वारा आयोजित ‘परमाणु टैक 2019’ सम्मेलन में मुख्य भाषण दिया। इस सम्मेलन में परमाणु ऊर्जा और विकिरण प्रौद्योगिकियों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
आयुष/स्वास्थ्य मंत्रियों के चौथे सम्मेलन का उद्घाटन
नई दिल्ली में आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद येस्सो नाइक ने राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के आयुष/स्वास्थ्य मंत्रियों के चौथे सम्मेलन का उद्घाटन किया। आयुष मंत्रालय ने एक दिन के सम्मेलन का आयोजन किया है, ताकि राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश आयुष क्षेत्र में विकास के लिए एक-दूसरे से बातचीत कर सकें। सम्मेलन में 29 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की आयुष/स्वास्थ्य मंत्रियों/सचिवों तथा अधिकारियों और आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और आयुष संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
भारत और ब्राजील के बीच होम्योपैथी के क्षेत्र में सहयोग के लिए सहमति पत्र (एमओयू) को स्वीकृति
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों और होम्योपैथी के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और ब्राजील के बीच सहमति पत्र (एमओयू) को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
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