MP Current Affair 6th July 2019
वेटलैंड इन्वेंट्री का जीआईएस बेस्ड वेब पोर्टल तैयार
पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन(एप्को) ने प्रदेश में तालाबों के संरक्षण और जल भराव की जानकारी संधारण करने के लिए जियोग्राफिकल इनफार्मेशन सिस्टम(जीआईएस) बेस्ड वेब पोर्टल तैयार किया है। यह पोर्टल मध्यप्रदेश एजेन्सी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्फॉरमेशन टेक्नोलोजी (मेपआईटी) की सहायता से तैयार किया गया है। प्रदेश के 2.25 हेक्टेयर से अधिक के वेटलैंड को पोर्टल पर शामिल किया है। पोर्टल में तालाबों की जानकारी, उनके नाम, नक्शा, ब्लॉक, गांव, भौगोलिक स्थिति और क्षेत्रफल की जानकारी प्रमुखता से दी गई है। इस जानकारी के होने से तालाबों के संरक्षण और उनके प्रबंधन के कार्य आसानी से किए जा सकेंगे। जीआईएस बेस्ड वेब पोर्टल एप्को की वेबसाईट www.epco.in पर उपलब्ध है।
आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिये “आँगनवाड़ी शिक्षा” ई-लर्निंग शुरू
महिला-बाल विकास विभाग द्वारा आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को और अधिक दक्ष बनाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम “आँगनवाड़ी शिक्षा” ई-लर्निंग व्यवस्था शुरू की गई है। अन्तर्राष्ट्रीय संस्था जी.आई.जेड. के सहयोग से तैयार इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम से पूरे राज्य में सभी परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित कर मास्टर्स ट्रेनर्स बनाया गया है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अब सुपरवाइजर ट्रेनिंग देगी। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने वार्ड और मोहल्ले की महिलाओं को अपने मोबाईल पर वीडियो दिखाकर आसान तरीके से बच्चों को स्वास्थ और पोषण आहार की जानकारी देगी। ई-लर्निंग के सात मॉड्यूल तैयार किए गए हैं। इसमें 6 माड्यूल कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों दोनों के लिए और एक मॉड्यूल (सेक्टर प्रबंधन) केवल पर्यवेक्षकों के लिए तैयार किया गया है।
एसएएफ द्वारा “एक परिवार-एक पौधा” की सराहनीय पहल
ग्वालियर की 14वीं बटालियन के जवानों ने पर्यावरण सुरक्षा और जल-संरक्षण के लिए ‘एक परिवार-एक पौधा” अभियान प्रारंभ किया है। एसएएफ 14वीं वाहिनी की डिप्टी कमांडेंट सुश्री प्रतिभा त्रिपाठी की पहल पर यह अभियान प्रारंभ किया गया है। एक जुलाई को राष्ट्र-गीत के बाद 14वीं वाहिनी के सभी अधिकारियों और जवानों ने पर्यावरण संरक्षण और जल-संरक्षण की शपथ लेकर अभियान की शुरूआत की।अभियान के तहत बटालियन में रहने वाले सभी जवानों और अधिकारियों के निवास के बाहर उन्हीं के परिजन एक पौधा रोप रहे हैं। पौधे की देख-रेख की जवाबदारी भी उनके परिवार ने ही ली है।इस अभियान के साथ जल-संरक्षण के भी विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। बटालियन की सभी पुरानी जल-संरचनाओं, कुएँ एवं बावड़ियों को भी पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया गया है।
Leave a Reply